➤ चार मेडिकल कॉलेजों व चमियाना अस्पताल में थ्री टेस्ला एमआरआई मशीनें
➤ आईजीएमसी शिमला में मशीन लग चुकी है; जल्द ही कार्डिक एमआरआई शुरू
➤ पीएचसी/सीएचसी के लिए 28 लाख ग्लूको स्ट्रिप्स की खरीद की घोषणा
शिमला। हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा के परिदृश्य में एक बड़ा परिवर्तन आने वाला है: अब हार्ट का एमआरआई राज्य में ही संभव होगा। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बताया कि प्रदेश के चार मेडिकल कॉलेजों तथा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल चमियाना (शिमला) में आधुनिक थ्री टेस्ला एमआरआई मशीनें लगवाई जा रही हैं। इस पहल से मरीजों को कार्डिक एमआरआई के लिए बाहर जाने की जरूरत समाप्त होगी और समय पर निदान से जान-माल की सुरक्षा बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आईजीएमसी शिमला में यह थ्री टेस्ला एमआरआई मशीन पहले ही स्थापित हो चुकी है और शीघ्र ही इसकी सेवाएं जनता के लिए उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब तक हिमाचल के लोगों के लिए कार्डियक एमआरआई की सुविधा केवल पीजीआई चंडीगढ़ और एम्स नई दिल्ली जैसे बाहरी केंद्रों पर ही उपलब्ध थी, जिससे मरीजों को यात्रा, खर्च और समय की भारी लागत उठानी पड़ती थी। नई मशीनों से न सिर्फ दिल की जटिल बीमारियों की जांच सटीक होगी, बल्कि सॉफ्ट टिशू और अन्य जटिल इमेजिंग की भी आधुनिक स्तर पर समीक्षा संभव हो सकेगी।
सरकार ने यह भी विस्तृत किया कि मंडी, हमीरपुर, चंबा, टांडा (कांगड़ा) और चमियाना अस्पताल में भी ऐसी ही मशीनें स्थापित की जाएंगी। इन संस्थानों में सामान्य एमआरआई मशीनें मौजूद थीं, पर वे कार्डिक एमआरआई करने में सक्षम नहीं थीं; थ्री टेस्ला मशीन की उच्च सेंसिटिविटी और रेजोल्यूशन ही दिल और उससे जुड़े सॉफ्ट टिशू की विस्तृत जांच देती है।
स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने की दिशा में सरकार ने और कदम भी उठाए हैं। चंबा मेडिकल कॉलेज में फुल रूम डिजिटल रेडियोग्राफी, डिजिटल मेमोग्राफी तथा कलर डॉप्लर उपकरण लगाए जाने की व्यवस्था है, जबकि हमीरपुर मेडिकल कॉलेज को एडवांस्ड लेप्रोस्कोपिक सर्जरी सेट से सुसज्जित किया जाएगा जिसमें हाई-डेफिनिशन कैमरा होगा ताकि सर्जिकल प्रक्रियाएं और अधिक सटीक व सुरक्षित हों।
ग्राम और कस्बों में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुँच बढ़ाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) के लिए 28 लाख ग्लूको स्ट्रिप्स खरीदी जाएंगी, जिससे घर-द्वार पर शुगर टेस्टिंग की सुविधा सुनिश्चित की जा सकेगी और डायबिटीज़ स्क्रीनिंग के दायरे का विस्तार होगा।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य में कार्डियक इमेजिंग की पहुँच बढ़ने से रेफ़रल लोड कम होगा, समय पर निदान व उपचार से रोगियों की जीने की गुणवत्ता में सुधार होगा और महँगों उपचार व यात्रा के खर्चों में कमी आएगी। साथ ही, स्थानीय मेडिकल संस्थानों की क्षमताओं के उन्नयन से स्पेशलिटी ट्रेनिंग, रिसर्च और चिकित्सकीय सहयोग के नए अवसर भी बनेंगे।
सरकार ने आश्वासन दिया है कि मशीनों के संचालन के साथ-साथ टेक्नीशियन प्रशिक्षण, रख-रखाव और सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर सपोर्ट की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी ताकि यह सुविधा सतत और भरोसेमंद बनी रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल प्रदेश के स्वास्थ्य मानकों को ऊँचा उठाने और मरीजों को बेहतर इलाज नजदीक उपलब्ध कराने की दिशा में निर्णायक कदम है।



